एच. जी. वेल स photo

एच. जी. वेल स


“Adapt or perish, now as ever, is nature’s inexorable imperativeअनुकूल बनें या नष्ट हो जाएं, अब या कभी भी, यही प्रकृति कि निष्ठुर अनिवार्यता है”
एच. जी. वेल स
Read more